आज जब मैं अपने उन दिनो की याद करता हूं तो मुझे लगता है कि बचपन लौट आया लेकिन मैं यह जानता हूं कि यह हो नहीं सकता।बात उन दिनो की है जब मैं ११ वीं में पढ़ता था। मेरे ठीक बगल वाले घर में अक भाभी रहती थी। उनकी फ़ीगर बहुत अच्छी थी वैसे यह अब मुझे लगता है, उस समय तो केवल उन्हें देखने का मन करता था और मैं उनके घर चला जाता था।
भाभी मुझे खूब प्यार करती थी।उनका एक छोटा बेबी था जो उनका दूध पीता था जब वो एक दिन दूध पी ही रहा था तो मैने भाभी से पूछा कि बेबी को दूध मीठा लगता है या फ़ीका? इस बात पर भाभी मुसकराते हुए बोली तुम थोड़ा पी कर देखो भाभी ने अपने हाथ पर थोड़ा सा दूध निकाला और मुझे पीने के लिए दिया मैने दूध पी कर कहा ये तो बहुत अच्छा लगता है। भाभी हंसने लगी उस दिन से मैं भाभी को और प्यार करने लगा।
एक दिन जब मैं भाभी के घर गया तो भाभी कोई दवा की बोतल देख रही थी मैने भाभी से पूछा तो वह बोली तेरे भैया लाये है और यह तेरे काम की चीज नहीं है, मैं बोला देखूं तो, जब मैने बोतल देखी तो उस पर बूब्स बने हुए थे मैने भाभी से पूछा की यह क्या है तो भाभी उदास हो गई और कहा कि मेरे बूब्स बहुत छोटे हैं इसलिए तेरे भैया यह दवा लाये हैं जिससे यह बड़े हो जाएंगे। मैने कहा क्या इसे पीना पड़ेगा तो वह बोली नहीं इसे तो वहां लगाना पड़ता है, मैने भाभी से कहा चलो मैं लगा दूंगा तो वह कुछ नहीं बोली। दूसरे दिन मैं दोपहर में गया तो देखा भाभी दवा लगा रही थी मैने भाभी से कहा कि लाओ मैं लगा देता हूं कुछ सोचने के बाद भाभी ने कहा दरवाजा तो बंद कर आओ।
दूसरे दिन मैं भाभी के घर गया तो भाभी ने मुस्करा कर कहा आज तो बहुत जल्दी आ गये अभी तो मैं नहाई ही नहीं हूं तो मैने कहा कोई बात नहीं मैं यहीं बैठ जाता हूं आप नहा लो। भाभी बेडरूम जा कर अपने बाथ रूम में नहाने लगी तभी छोटू के रोने की आवाज आई मैं भी बेडरूम में जा कर छोटू को थपकी देने लगा तभी भाभी नहा कर केवल टोवल लपेट कर बाहर आई और मुझे देख कर बोली मैने तो तुम्हे बाहर बैठने के लिये कहा था तो मैने कहा छोटू रो रहा था। भाभी ने मेरे सामने ही अपना गाउन पहन लिया अब हम दोनो बेड पर बैठ कर बातें करने लगे, क्योंकि हल्की ठंड लग रही थी इसलिये हम लोगो ने कम्बल ओढ रखा था सामने टीवी चल रहा थाl
बात करते करते हम दोनो एक दूसरे से सट गये थे और अचानक भाभी ने कहा तुमने कभी किसी को नंगी देखा है तो मैने कहा कि आप नाराज तो नहीं होगी तो उन्होनें कहा नहीं, तो मैने कहा रात में जब आप और भैया नंगे सोते हो तो मैने आप दोनो को देखा है तब भाभी ने कहा कि तुम तो अपने घर रहते हो तब कैसे देखते हो तो मैने कहा कि जब मैं छत पर जाता हूं तो अपके बेडरूम की खिड़की से सब कुछ दिखता है भाभी ने कहा तुम बहुत बदमाश हो, अब से हम अपनी खिड़की बंद रखेंगे भाभी से मैने कहा कि ऐसा मत करना।
टीवी पर कोई रोमांस सीन चल रहा था मैं भाभी से और सट गया और भाभी से बोला मुझे आपका दूध पीना है भाभी की सांसे गरम हो गई थी भाभी ने अपना गाउन के बटन खोल दिये और कम्बल के अन्दर मेरे पैंट को खोलने लगी, उनकी चूंचियां अब तन गई थी मेरे हाथ उनके गाउन के नीचे कुछ छूने का प्रयास करने लगे अब हम पूरी तरह से खुल चुके थे।
भाभी ने मेरे पैंट के अन्दर हाथ डाल दिया था मेरा औजार बुरी तरह तन गया था, जब मैने भाभी की चूत पर हाथ रखा तो मेरे बदन में बिजली सी दौड़ गयी अब हम एक दूसरे को पूरी तरह महसूस कर रहे थे। तभी भाभी ने कहा चलो अब मैं तुम्हे बताती हूं कि मजा कैसे लिया जाता है। हम दोनो ने अक दूसरे के कपड़े उतार दिए, मैं तो एक टक भाभी को देखने लगा भाभी ने कहा ऐसे मत देखो मुझे शरम आ रही है।
भाभी की चूत पर एक भी बाल नहीं था भाभी ने मुझे लिटा कर मेरे औजार को धीरे धीरे सहलाना शुरु किया, मैं भाभी की छोटी चूंचियों को मसल रहा था भाभी का बदन ऐंठता जा रहा था काफ़ी देर तक ये सब करने के बाद भाभी ने मेरे औजार को चूमते हुए कहा ये तो बहुत ही प्यारा सा है मैं इसे अब वो सारी तरकीबें सिखाउंगी जिससे तुम जिंदगी को जीना सीख जाओगे। मैने भाभी से कहा भाभी मैं भी आपकी चूत की चुम्मी लूंगा भाभी ने कहा ठीक है मैं लेट जाती हूं मैने भाभी की चूत की चुम्मी ली और अपने जीभ के आगे की नोक से अन्दर जाने की कोशिश करने लगा लेकिन शायद भाभी को बहुत एक्साइटमेंट लग रहा था इस लिए उसने मेरे सिर को हटा दिया। अब हम दोनो बैठ गये मैं उनके गोद में लेट गया भाभी मेरे होंठों पर अपनी उंगलियां फ़िरा रही थी मैने उसकी एक उंगली अपने मुंह में डाल कर चूसने लगा भाभी अपनी आंखों को बंद रखे हुए थी अचानक फोन की घंटी बजी मेरे घर से फोन था मुझे तुरन्त ही जाना पड़ा मैने भाभी की एक चुम्मी ले कर जाने लगा तो भाभी ने कहा कल फिर मिलेंगे।
फ़िर जब मैं भाभी के घर गया तो उस समय लगभग दिन के २ बज रहे थे भाभी ने मुझे देखते ही कहा, कितनी देर से मैं तुम्हारी ही प्रतीक्षा कर रही थी, चलो मेरी आज मालिश करो। ये कह कर भाभी ने एक बोतल निकाली और मुझे दे कर कहा चलो अपना चेहरा घुमा लो,जिससे मैं अपने कपड़े उतार दूँ, मैने भाभी को अपनी तरफ़ खींचते हुए कहा अब किससे शरम कर रही हो? मैं उसके ब्लाउज़ को खोलने लगा। मैने धीरे धीरे उसका ब्लाउज़ को उतारा, भाभी ने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी जो भाभी के गोरे बदन पर काफ़ी जँच रही थी। भाभी ने अपनी आँखें बंद कर दी थी अब मैने उनसे अपने दोनो हाथों को उठाने के लिए कहा, मेरी नजर भाभी की आर्मपिट पर पड़ी वहाँ पर एक भी बाल नहीं थे वो जगह काफ़ी सेक्सी लग रही थी मुझसे रहा नहीं गया मैने भाभी की आर्मपिट पर अपने होंठ रख कर चूसने लगा भाभी भी सिसकारियां भरने लगी और बोली पहले मालिश कर लो उसके बाद ये सब करेंगे।
मैने भाभी की ब्रा निकाल दी ओह क्या चूचियाँ थी गुलाबी रंग की चूचियों पर गहरे रंग के निप्पल सितम ढा रहे थे, मैने तुरन्त ही अपने हाथों से एक को पकड़ लिया और दूसरी को अपने जीभ से सहलाने लगा। ५ मिनट के बाद भाभी ने कहा चलो लेट जाती हूँ अब तुम मेरी मालिश करो, भाभी ने समझाया कि तेल निकाल कर सीधे चूचिओं पर गिराओ और क्लोकवाइज़ अपनी हथेलियों से मालिश करो, मैं अपनी हथेलियां फ़ैला कर कुछ तेल उस पर डाला और भाभी के बूब्स पर मालिश करने लगा। भाभी लेटी हुई थी और मैं उसकी बगल में बैठा था मेरे लंड में तनाव आने लगा, मैं बूब्स की तेजी से मालिश करने लगा भाभी बोली एक समान दबाव बना कर ठीक तरह से मालिश करो लेकिन थोड़ी देर बाद मैं फ़िर तेजी से मालिश शुरु कर देता, अब भाभी ने कहा मुझे समझ में आ गया है ऐसा क्यों हो रहा है, भाभी ने कहा तुम अपनी पैंट उतार दो मैने तुरन्त ही आज्ञा का पालन किया, भाभी ने मेरे लंड की तरफ़ देखते हुए कहा चलो मैं तुम्हारे लंड की मालिश करती हूँ तुम मेरे बूब्स की करो जिस तेजी से मैं करूंगी उसी तरह तुम भी करना, अब एक हाथ से भाभी मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी और मैं भाभी की चूचियों की मालिश कर रहा था अचानक मुझे लगा कि मेरे लंड से वीर्य निकलने वाला है और जब तक मैं कुछ समझता सारा वीर्य निकल कर भाभी की चूचियों पर फ़ैल गया.
भाभी ने आँखें खोल कर पूछा क्या झड़ गया क्या? मैं कुछ नहीं बोला तो भाभी ने कहा अब इससे भी मालिश कर दो मैने भाभी की चूचियों पर लग भग २५ मिनट तक मालिश की। उसके बाद भाभी ने कहा चलो लेट जाओ मैं जब लेट गया तो भाभी ने अलमारी से एक क्रीम निकाली और मेरे लंड और मेरे बाल्स पर लगा दिया मैने भाभी से कहा ये क्या लगाया है तो उसने कहा अभी थोड़ी देर में पता चल जाएगा करीब आधे घंटे तक भाभी मेरे लंड से खेलती रही उसके बाद उसने मेरे लंड को कपड़े से पोंछ दिया, आश्चर्य, मेरे लंड के चारों तरफ़ के बाल गायब हो गये थे भाभी ने कहा कल ये मेरे मुंह में घुसे जा रहे थे इस लिए मैने इन्हें साफ़ कर दिया है। अब मेरी समझ में आया कि भाभी की चूत पर कोई बाल क्यो नहीं थे।
भाभी ने मेरी नाभि और लंड पर उपर से तैल डाल दिया और मालिश करने लगी भाभी के मुलायम हाथ और जैतून के तैल ने मेरे शरीर में बिजली सी दौड़ा दी मेरा लंड भाभी को सलामी देने लगा, मैं भी एक हाथ से भाभी की चूत खोजने लगा वातावरण गरम हो चुका था अब भाभी ने अपनी साड़ी और पेटीकोट निकाल दिया, मैं भाभी की चूत को पैंटी के ऊपर से ही चूमने लगा, ओह क्या खुश्बू आ रही थी। साइड से मैने जीभ घुसाने का प्रयास करने लगा तो भाभी ने अपने से ही पैंटी निकाल दी अब मेरे सामने दुनिया की सबसे खूबसूरत सृष्टि थीl
भाभी ने कहा इसकी मालिश नहीं करोगे? मैने कहा क्यों नहीं, यह कह कर मैने चूत की मालिश शुरु कर दी चूत के दोनो भाग खोल कर देखे तो उनसे रस बह रहा था मैने उसका स्वाद चखने के लिए अपने होंठों को सही जगह फ़िट कर दिया वाह! क्या स्वाद था दुनिया की किसी चीज में ऐसा नशा नहीं होता जो मुझे मिल रहा था नमकीन स्वाद मेरे मुंह में भर गया और तभी भाभी ने अपने हिप्स को आगे पीछे ढकेलना शुरु कर दिया करीब ७ मिनट बाद भाभी ने मेरे सिर को पीछे ढकेल दिया और निढाल हो गई मैने उनके बूब्स छूने चाहे तो उन्होंने मना कर दिया, कुछ देर तक हम उसी तरह रहे फ़िर भाभी ने कपड़े पहनने शुरु कर दिये मैने भी अपने कपड़े पहन लिए फ़िर मैने कहा मेरा मन तुम्हारी चूत को चोदने को कर रहा है भाभी ने कहा फ़िर किसी दिन करेंगे मैं जब चलने लगा तो भाभी ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया हम दोनो एक दूसरे को पकड़ कर काफ़ी देर तक खड़े रहे तभी घड़ी ने ४ बजे की घंटी बजाई तो भाभी ने छूटते हुए कहा अब घर जाओ कल मैं नहीं रहूंगी जब मैं आ जाउंगी तो तुम आना। दूसरे दिन मुझे भाभी की याद आती रही।
करीब एक हफ़्ते के बाद भाभी लौट कर घर आई तो हमारे घर मिलने चली आई, एकान्त पाते ही मैने पूछा कि कहाँ गई थी? तो उसने कहा दोपहर में घर आना वहीं पर बातें होंगी, मैं तो तुम्हें ही बताने आई थी कि मैं लौट आई हूं। दोपहर में मैं स्कूल से ही उनके घर चला गया,बेल बजाने पर भाभी ने दरवाजा खोला, मैने देखा भाभी बहुत प्रसन्न दिख रही है मैने पूछा तो उसने कहा अन्दर तो आओ मैं अन्दर सीधे बेडरूम में चला गया बेड पर छोटू सो रहा था इसलिए मैं सोफ़े पर बैठ गया।थोड़ी देर में भाभी दो कप कोफ़ी लेकर आई और मेरे से सट कर बैठ गई उसने गुलाबी रंग की सलवार कमीज पहने थी काले रंग की ब्रा ऊपर से दिख रही थी। भाभी अक्सर काली ब्रा और काली पैंटी पहनना पसन्द करती है। मैने पूछा कहा गई थी? तो उसने कहा मैं इलाहाबाद अपनी बहन के घर गई थी वो मुझसे केवल दो साल छोटी है और वो मुझसे पूरी तरह खुली हुई है मैने उसे तुम्हारे बारे में बताया तो वो कह रही थी मैं भी मिलना चाहती हूं।
कोफ़ी खत्म होने के बाद मैने भाभी को अपनी तरफ़ खींचा भाभी मेरी गोद मे गिर गई मैने उसकी चूचियों को ऊपर से ही दबाने लगा तो मुझे महसूस हुअ कि साइज़ में कुछ अन्तर आ गया है, मैने पूछा तो वो हसने लगी और कहा लगता है दवा का असर हो रहा है, मैने तबतक सलवार खोल दी थी भाभी जब खड़ी हुई तो सलवार नीचे सरक गई, उसने कहा लो मैं पूरा काम किए देती हूं यह कह कर उसने अपनी कमीज भी निकाल दी फ़िर से मेरे सामने उसका भरा हुआ शरीर सामने था। मेरे लंड में तनाव भरता जा रहा था, मैने भाभी को नीचे कालीन पर लिटा कर अपने होंठों को उनके होंठों से जकड़ दिया, भाभी ने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी।
ऊऊह कितना मीठा स्वाद लग रहा था, मैने अपना शरीर ढीला छोड़ दिया मैं अपने हाथों से उसके चेहरे को पकड़ रखा था उसकी लार मेरे अन्दर बह रही थी कुच देर के बाद मैने अपनी जीभ उसके अन्दर डाल दी और उसे पूरा अन्दर डाल कर चारों ओर घुमाता रहा काफ़ी देर तक हम एसा करते रहे फ़िर उसने कहा चलो ६९ करते हैं, मैने पूछा ये क्या होता है तो उसने कहा पहले अपने कपड़े उतारो तो बताती हूं। मैने अपनी पैंट और शर्ट निकाल दी और बेड के किनारे बैठ कर भाभी को कपड़े उतारते देखने लगा अब उसने अपनी ब्रा को उतार दिया और मेरे पास आ कहा चलो मैं तुम्हारी सफ़ाई कर दूं यह कह कर उन्होंने वही बोतल निकाली और उसे मेरे लंड के चारों ओर लगा दिया तो मैने कहा लाओ मैं भी तुम्हारी पूरी सफ़ाई कर दूं तो उसने कहा ये बहुत अच्छा रहेगा यह कह कर वो बेड पर लेट गई मैने उनकी पैंटी निकाल दी उसकी फ़ूली हुई बुर पर छोटे छोटे काले बाल थे मैने उंगली डाल कर बोतल से ढेर सारी क्रीम निकाल कर उसकी चूत पर लगा दिया और धीरे धीरे मालिश करने लगा मेरा लंड हिलोरे लेने लगा, मैने उसकी चूचियों को दबाना चाहा तो उसने कहा पहले क्रीम को पोंछ लो, तभी मेरी नजर उसके बगल के बालों पर पड़ी मैने कहा इसे भी साफ़ कर दूं तो बोली नहीं ये जब कुछ बड़े हो जायेंगे तो तुम्हें अच्छे लगेंगे इसे रहने दो।
मैं सोफ़े पर बैठ गया और हम बातें करने लगे तो भाभी ने बताया तुम्हारे भैया तो रात में कपड़े निकाल कर अपना लंड मेरी बुर में डालने की कोशिश में लगे रहते हैं उन्हे ये भी जानने की जरुरत नहीं महसूस होती कि मेरी चूत सूखी होने के कारण कितना दर्द कर रही होती है जब तक मेरी चूत गीली होती है तब तक वो अपना पानी छोड़ चुके होते हैं इस तरह मैं असन्तुष्ट रह जाती हूं। मैने भाभी से पूछा अच्छा बताओ तो जरा लेडीज़ को क्या करना अच्छा लगता है तो भाभी ने कहा ये कोई नियम की बात नहीं है सेक्स तो महसूस करने की बात है केवल महसूस करके भी सेक्स में संतुष्टि मिल सकती है,तुम निश्चिंत रहो मैं तुम्हें सब कुछ बता दूंगी तो तुम शादी के बाद अपनी बीवी को पूरी तरह सन्तुष्ट कर पाओगे, मैने कहा भाभी तुम कितनी प्यारी हो और मेरा कितना ख्याल रखती हो, भाभी ने कहा देखो सेक्स तो एक भूख की तरह है इस तो सन्तुष्ट करना ही पड़ता है,कुछ लोग अपने हाथों से अपने आपको सन्तुष्ट कर लेते हैं तो कुछ लोग बाहर किसी को खोज लेते हैं इसमें तो कोई बुराई नहीं है केवल इस बात का ध्यान रखना है कि आस पास के लोगों में ये बात पता नहीं चले क्योंकि ये सब हमारे समज में अच्छा नहीं माना जाता।
बातें करते काफ़ी देर हो गई तो भाभी ने कहा चलो बाथरूम में नहा लें, हम दोनो साथ ही बाथरूम में घुस गये शोवर चला कर हम एक दूसरे से लिपट कर देर तक भीगते रहे। मैं बीच बीच में भाभी के पीठ पर हाथ फ़िरा रहा था हम दोनो ने अच्छी तरह एक दूसरे को साबुन लगा कर नहलाया। भाभी की चूचियों पर साबुन वाला हाथ रगड़ने में बहुत अच्छा लग रहा था उसने भी मेरे लंड की अच्छी तरह से रगड़ाई की, हम दोनो बाहर आ कर टोवल से अपना बदन पोंछ लिए तो भाभी ने कहा चलो एक खेल खेलते हैं, हम दोनो बेड पर लेट गै भाभी ने पोंड्स का पाउडर निकाल कर उसे मेरे बदन पर पोत दिया और एसा ही करने को कहा मैने भी उनके बदन पर पाउडर डालकर पूरे शरीर पर लगा दिया तो भाभी ने कहा चलो मेरे ऊपर लेट जाओ मैं पूरी तरह उनके ऊपर लेट गया अब हम आपस में बदन रगड़ते रहे मेरा लंड भाभी की फ़ूली हुई चूत में घुसने के लिए बेताब हो रहा था।
भाभी ने कहा तुम मेरी ऊपर की तरफ़ से धीरे धीरे नीचे की तरफ़ जाओ मैने भी चूत पर पहुंच कर अपनी जीभ को चूत में घुसाना चाहा तो भाभी ने कहा अभी समय नहीं हुआ है, अब मेरा मुंह भाभी के पैर की तरफ़ था और मेरा लंड भाभी के चेहरे को छू रहा था उसने मेरा लंड अपने दोनो हाथों से पकड़ लिया और अपने मुंह में डाल दिया अपने आप मेरा मुंह भाभी की चूत से सट गया अब भाभी की चूत से रस बह रहा था मैने चूत में अपनी पूरी जीभ घुसा कर चूसने लगा भाभी भी मेरे लंड को अपने मुंह से चूस रही थी कि अचानक मेरे लंड का पानी छूट गया भाभी ने उसे पूरा पी लिया अब भाभी जोर जोर से सिसकियां ले रही थी यस और करो और करो और करो यह कहते हुए भाभी ने अपने दोनो पैरों से मेरे सिर को दबा लिया और अब भाभी ने पलटने की कोशिश शुरु कर दी अब मैं भाभी के नीचे था भाभी मेरे मुंह पर धक्के मार रही थी और उसकी चूत से गरम गरम कुछ निकल रहा था जो सीधे मेरे गले में जा रहा था।
भाभी, बोले जा रही थी ओह ऊओह ओह ओह ओह अंत में भाभी मेरे ऊपर पसर गई हम एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे भाभी का चिकना बदन बहुत ही कोमल लग रहा था मेरा मन कह रहा था कि काश ये समय खत्म ही न हो। हम दोनो एक दूसरे के बहुत करीब आ चुके थे, थोड़ी देर बाद हम उठ गये तो भाभी ने कहा अब समझ में आया कि ६९ क्या होता है, मैं भाभी से लिपट गया हम दोनो काफ़ी देर तक लिपटे ही रहे तब भाभी ने मेरे माथे को चूमते हुए कहा जानते हो जब दो लोग सेक्स करते हैं तो उनका आपस में रिश्ता बहुत मजबूत हो जाता है। काफ़ी देर हो गई थी हालांकि मन नहीं हो रहा लेकिन भाभी ने कहा अब घर जाओ नहीं तो तुम्हारी मम्मी खोजेंगी, अधूरी प्यास लिए मैं अपने घर आ गया।
मेरे इम्तहान पास आ गए थे अब मै अपनी पढाई पर जयादा ध्यान दे रहा था ,लेकिन भाभी की याद आ ही जाती थी .उस दिन जब मै स्कूल से घर आया तो मेरी मम्मी ने बताया की अगले हफ्ते तुम्हारी मौसी की शादी में जाना है तो मैंने कहा मेरे तो एक्साम्स है मै कैसे जा सकता हूँ ? तो घर में सभी चिंतित हो गए ये सारी बाते भाभी को पता चली तो उन्होंने कहा अरे इसे मेरे घर छोड़ दीजियेगा मै इसे पढ़ा भी दिया करूंगी।
शनिवार को सब लोग जबल पुर चले गए और मै अपनी सारी किताबे ले कर भाभी के घर चला आया .मैंने और भइया ने साथ में ही नाश्ता कर लिया तो भइया ने कहा चलो मै तुम्हे स्कूल छोड़ते हुए जाऊंगा,स्कूल से मै घर लगभग तीन बजे ही आ गया ,भाभी ने दरवाजा खोला ,भाभी ने आज सफ़ेद रंग की चूडीदार और काले रंग का कुरता पहन रखा था ,आज वो कुछ जादा ही प्रसन्न दिख रही थी ,खाना खा कर हम दोनों बेड रूम में आ गए भाभी ने छोटू को पहले से ही सुला दिया था .भाभी ने बताया की मेरे ब्रा की साइज़ बढ़ गयी है मैंने हंसते हुए कहा बंद इतनी मेहनत कर रहा है तो उसका फल भी मिलेगा।
भाभी ने कहा आज हम दोनों एक खेल खेलेंगे मै तुम्हे एक फ़िल्म दिखाउंगी फ़िर हम दोनों सेक्स करेंगे ,फ़िल्म देखते समय हम अपने कपडे उतर देंगे और एक दूसरे को टच नही करेंगे मैंने कहा भाभी ऐसे तो मजा नही आयेगा तो उसने कहा तुम तो बस देखते जाओ .भाभी ने सी डी पर फ़िल्म लगा दी , अरी ये तो कोई सेक्सी फ़िल्म थी भाभी ने कहा हम एक दोसरे के कपडे उतर देते है .हम दोनों बेड पर ही बैठ कर फ़िल्म देखने लगे .फ़िल्म में औरत लगभग ४० साल की होगी और २५ साल का लड़का होगा दोनों बाथ टब में नहा रहे थे लड़का बाथ टब के किनारे बैठ गया उस का लंड तना हुआ था लड़की सोप लगा कर उसके लंड को सहलाने लगी लड़का तनाव में भरता जा रहा था फ़िर लडके ने सोप लेकर लड़की की चूत रगड़ने लगा उसके बूब्स बहुत बड़े बड़े थे दोनों एक दूसरे के साथ खेलते जा रहे थे फ़िर दोनों नंगे ही बेड रूम में चले गए लड़की बेड पर लेट गयी लडके तौलिए से लड़की का बदन सुखाने लगा उसके बाद उसने लड़की के पैरो की उंगलियो को अपने होठो से चाटने लगा फ़िर वो उसकी चूत पर अपना मुंह लगा दिया .इधर मेरा लंड तनाव से फटने लगा मै अपने हाथो से अपने लंड को हिलाने लगा और मने देखा की भाभी भी अपनी उन्गुलियो को अपनी चूत पर रगड़ रही है।
हम दोनों ने एक दूसरे की जरूरत को समझते हुए पास आ गए भाभी ने कहा तुम भी मेरी उन्गोलियो को चूसो मै पागलो की तरह भाभी का तलवा चाटने लगा भाभी के पैर बहुत सुंदर थे भाभी मेरे लंड को हिलाती रही मै अब भाभी की जांघो को चूस रहा था इसमे मुझे बहुत मजा आ रहा था।
धीरे धीरे मेरे होठ भाभी की चूत पर पहुँच गए और मै अमृत का रसास्वादन कराने लगा ,भाभी ने मेरे सर को अपने हाथो से पकड़ रखा था ,भाभी धीरे धीरे सीत्कार ले रही थी ,अचानक भाभी ने कहा इकबाल तुम अपनी जीभ मेरे चूत में घुसो और मेरे चूत में तेजी से घुमाओ मै वैसा ही करने लगा मेरा लंड तना हुआ था और भाभी ने उसे अपनी जांघो के बीच में दबा रखा था मैंने अपने लंड को रगड़ना शुरू कर दिया भाभी ने कहा इकबाल तुम मुझे गन्दी बाते कर के सुनाओ मैंने कहा तुम तो मुझे चोदने नही दे रही हो यदि तुम मुझे चोदने दो तो मै तुम्हारी चूत की इच्छा पूरी कर दूँगा भाभी आआः अआः ऊओह , ऊओह की आवाज कर रही थी .तभी भाभी ने अपनी चूत का पानी छोड़ दिया मैंने सारा अमृत चाट लिया ,मै भी अब झाड़ने वाला था भाभी ने कहा तुम ऊपर आकार मेरे चुन्चियो पर झडो मै उनके ऊपर आ गया भाभी ने मेरे लंड को पकड़ कर मेरा रस पुरी तरह निचोड़ दिया और कहा तुम इसे मेरी चुन्चियो पर मालिश कर दो मैंने उसकी चुन्चियो की मालिश काफी देर तक की भाभी ने कहा अब मुझे बाथरूम जाना है मैंने भाभी से कहा मै भी आपके साथ चलता हूँ।
भाभी मन गयी भाभी ने मेरे सामने खड़े हो कर मूतना शुरू कर दिया मैंने भाभी के चूत को अपने हाथो से कवर कर लिया भाभी के गरम मूत से मुझे बहुत उत्तेजना हो रही थी मेरा पुरा शरीर रोमांचित था मै वन्ही पर चूत में अपना लंड घुसाने लगा मूत मेरे लंड पर होता हुआ मेरे जांघो से बह रहा था जब भाभी ने मूतना बंद किया तो मैंने भाभी के ऊपर चूत पर मूतना शुरू किया भाभी ने कहा तुम असे ही मेरी चूत में डाल दो , मैंने भाभी की चूत में अपना गरम लंड घुसा दिया भाभी को बहुत मजा आरहा था कुछ देर बाद भाभी तेजी से अपना चूतड हिलाते हुए कहा चोदो राजा चोदो आज से तुम ही मेरे पति हो , मै ये सुन कर और बुरी तरह से चोदते हुए झड़ गया.भाभी ने कहा आज बहुत मजा आया।
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