Friday, May 17, 2013

पोर्न प्रियंका


प्रियंका और उसकी मां, बस ये दो ही थे उस परिवार में। प्रियंका 19 वर्ष की होगी और उसकी मां प्रीति 42 वर्ष की थी। पर उसकी मां को देख कर कोई भी यह नहीं कह सकता था कि वो 42 वर्षीय उसकी मां है। उन्होंने अपने आप को जैसे सांचे में ढाल रखा था। यदि प्रियंका की मां को अंधेरे में देखो तो वो प्रियंका ही लगती थी। प्रियंका भी उन्हीं के नक्शो कदम पर चल रही थी। वह भी बहुत सुन्दर फ़िगर की मालकिन थी। प्रियंका एक स्वतन्त्र विचारों वाली एक स्व्छन्द नवयौवना थी। कालेज में वो अपने ही क्लास के लड़के सजल को दिल दे बैठी थी। सजल एक सजीला युवक था। पर वो प्रियंका के लिये कभी भी अच्छा मित्र साबित नहीं हुआ था। पर प्रियंका थी कि बस उस पर मर मिटी थी। सजल प्रियंका की भावनाओ को भड़काने के लिये उसे ब्ल्यू फ़िल्मो की सीडी, डीवीडी या अश्लील पुस्तकें ला कर दिया करता था। अधिकतर तो सजल प्रियंका के साथ ही ब्ल्यू फ़िल्म देखा करता था इस तरह से उसने प्रियंका को वासना के नशे में डाल कर उसके साथ यौन सम्बन्ध भी बना लिए थे।। प्रियंका इस रास्ते में आगे बढ़ने लगी थी। उसे सेक्स की आदत सी पड़ने लगी थी। वो बिना चुदे अब नहीं रह पाती थी।

सजल को अब दूसरी लड़की चाहिये थी सो वो रश्मि के चक्कर में पड़ गया। रश्मि उसी सीडी लाईब्रेरी वाले दोस्त विशाल की बहन थी। रश्मि का काम भी अपनी दुकान से ब्ल्यू सीडी ला कर लड़कियों को देना था। वो भी उसी दुकान में कालेज के बाद बैठा करती थी। ताकि लड़कियां उसके पास से ब्ल्यू सीडी बेहिचक ले जाया करें।

सजल और रश्मि का भाई विशाल दोनों दोस्त भी थे। चूंकि रश्मि ब्ल्यू फ़िल्मों से वाकिफ़ थी सो जल्दी ही सजल से चुदने लगी थी। प्रियंका को यह पता चल गया था सो वो किसी और की तलाश में भी थी।

विशाल भी प्रियंका के बदन का मज़ा लेना चाहता था तो उसने जब सजल से प्रियंका को पटाने और दोस्ती करवाने को कहा तो वह तुरन्त मान गया। रश्मि, विशाल और सजल तीनों ने प्रियंका को पटाने का कार्यक्रम बनाया।

सजल प्रियंका को रश्मि की दुकान पर ले गया तो वहाँ पर विशाल और रश्मि दोनों ही थे। सजल ने प्रियंका को विशाल से मिलवाया और रश्मि ने भी विशाल की खूब तारीफ़ की। वे तीनों अन्दर के कमरे में बैठे हुये बातचीत कर रहे थे। पहली ही नजर में प्रियंका को विशाल पसन्द आ गया। उस दिन तो प्रियंका की खूब खातिरदारी भी की। प्रियंका को तो कोई मस्त लड़का चाहिये ही था, सो उसने मन बना लिया कि अब तो विशाल का ही नम्बर लगाना है।

अब तो जब भी प्रियंका दुकान पर आती तो विशाल उसका बहुत ख्याल रखता था। उसे ठण्डा, चाय कॉफ़ी आदि अवश्य पूछता था।

एक दिन रश्मि जानबूझ कर दुकान पर नहीं आई। जब प्रियंका दुकान पर पहुंची तो हमेशा की तरह विशाल ने उसका स्वागत किया। प्रियंका तो चाहती ही थी कि रश्मि वहाँ पर ना हो तो उसे विशाल को पटाने का मौका मिले। दूसरी ओर विशाल भी उस सुन्दर सी लड़की से अपनी वासना शान्त करना था । दोनों अन्दर कमरे में चले आये और विशाल ने ठण्डा मंगवा लिया।

"रश्मि...?" प्रियंका ने पूछा।

"आज तो रश्मि नहीं है, सीडी लेनी है?" विशाल ने मौका देख कर बात आगे बढ़ाई।

"हां पर रश्मि होती तो अच्छा रहता..." प्रियंका ने कहा।

"अरे आप तो मुझमें और रश्मि में फ़र्क मानती हैं, मुझे बताइएये, चाहिये क्या?"

"हां, पर वो हिन्दी डायलोग वाली..." उसने विशाल की आँखों में झांकते हुये कहा।

"ओह, ये वाली ..." उसने सीडी देख कर जान कर के कहा।

"नहीं- नहीं रहने दीजिये ... रश्मि से कल ले लूंगी !" एक ठुमके के साथ वो उठ खड़ी हुई।

'वो क्या देगी, देखो मैं तुम्हे एक से एक बढ़िया हिन्दी डायलोग वाली फ़िल्म देता हूँ, बैठो !"

विशाल ने एक अलमारी से पांच छः सीडी और डीवीडी निकाल कर दी। फिर उसने टीवी चला कर सीडी लगा दी।

"आप देखिये और पसन्द कर लीजिये ... मै बाहर ही हूँ।"

विशाल ने दरवाजा बन्द कर दिया और बाहर चला गया। बाहर आकर उसने टीवी ऑन कर लिया। प्रियंका वाले कमरे का सीन टीवी पर उभर आया। प्रियंका बड़े चाव से उस फ़िल्म को देख रही थी। उस फ़िल्म में चूत लण्ड, गाण्ड आदि शब्दों का भरपूर प्रयोग किया जा रहा था। वो भी फ़िल्म देख कर धीरे-धीरे गर्म होने लगी। उसके हाथ अपने बदन को सहलाने लगे, कभी वो अपनी चूचियाँ मलती, कभी ठण्डी सांस भर कर अपनी चूत दबा लेती। फ़िल्म में तीन लड़के एक लड़की को चोद रहे थे।

तभी उसे लगा कि वो लड़का जाना पहचाना सा है। तभी उसने उसे पहचान लिया कि ये तो विशाल ही है। पर हाय, उसका इतना सुन्दर और लम्बा लण्ड ! प्रियंका ने अपनी जीन्स सामने से खोल ली और पेण्टी नीचे सरका कर चूत को हल्के से घिस कर उत्तेजित होने लगी। उसके अन्दर की रण्डी जागने लगी थी।
बाहर टीवी पर विशाल ये सब देख कर मुस्कराने लगा था। उसके दो दोस्त और उसी सीन को देख रहे थे। तीनों ने एक दूसरे को देखा और आंख मार कर इशारा किया। पहले विशाल अन्दर गया। प्रियंका ने विशाल को देखा तो शरम से सिमटने लगी और अपनी जीन्स सम्भालने लगी।

"कैसी लगी, पूरे चार घण्टे की डीवीडी है, मजा आया ना...?"

"वो तो आप है ना ...इस फ़िल्म में ?"प्रियंका झिझकते हुये बोली।

"ओह हां, यह तो मेरा प्रोफ़ेशन है, इसके लिये मुझे बहुत पैसे मिलते हैं।"
विशाल उसके पास आ कर बैठ गया।

"और ये दो लड़के, ये भी बहुत शानदार हैं !" प्रियंका थोड़ी ओर खुल गई।

"मिलोगी इनसे ...?" विशाल ने प्रियंका के कन्धों पर अपना हाथ रख दिया। जब वो कुछ ना बोली और सिर्फ़ उसे देखती रही तो उसने हाथ नीचे लाकर उसकी चूचियों पर रख दिये। प्रियंका का मन मचलने लगा था। उसके अन्दर की औरत अंगड़ाई लेने लगी थी। विशाल ने उसकी खुली जीन्स के अन्दर हाथ घुसा दिया।
"हाय राम, क्या मार ही डालोगे?"वो सिसक उठी।

"ओह मेरी प्रियंका, ये लो तुम भी मेरा लण्ड अपने हाथ में ले लो !" विशाल ने अपनी जीन्स सामने से खोल दी और अपना लम्बा लण्ड उसके हाथों में थमा दिया। विशाल ने उसकी जीन्स पूरी उतार दी। फिर उसका कुर्ता भी उतार कर उसे पूरी नंगी कर दिया। फिर विशाल भी नंगा हो गया। दोनों एक दूसरे को वासना भरी नजर से देख रहे थे।

"वो दोनों कहाँ हैं, उनसे नहीं मिलवाओगे?" प्रियंका ने विशाल को याद दिलवाया।

"ओह हां, जरूर ... पर तीनों को झेलना पड़ेगा !" विशाल ने हंसते हुये कहा।

"कोशिश करूंगी, देखो, मेरी मदद करना, ठीक है ना !" उसने अपना रण्डीपना दिखाते हुये कहा।

"लीजिये हम हाजिर हैं ..." दोनों लड़के बिल्कुल नंगे प्रियंका के सामने खड़े थे।

दोनों के लण्ड कड़क हो कर टनटना रहे थे। विशाल के हाथ प्रियंका के बदन को सहला रहे थे। प्रियंका का मन खुश हो गया। उसने तीनों को घूर कर देखा और सोफ़े पर लेट सी गई विशाल उसकी दोनों टांगों के बीच में था और वो दोनों लड़के उसके दायें और बायें खड़े थे। विशाल ने अपना लण्ड ले कर प्रियंका की चूत पर रगड़ा और अन्दर घुसा दिया। प्रियंका को पता था कि ऐसे मौके पर ब्ल्यू फ़िल्म में क्या करते हैं। उसे चाहे मजा आये या ना आये, पर वासनामयी चीखों से उन्हें यह जरूर बताओ कि बहुत मजा आ रहा है। सो उसने लण्ड के अन्दर जाते ही 'हाय राम, विशाल मजा आ गया, आह, ऊह्ह्ह, मेरे राजा..." कह कर उन्हें अपनी खुशी जताने लगी। वो खूब उछल उछल कर चुदवाती रही।
वो उन दो लड़कों में से कभी एक का लण्ड चूसती तो दूसरे को पकड़ कर हिलाती डुलाती और मुठ मारती। अब तो तीनों ही प्रियंका के सुर में सुर मिलाने लगे। तीनों ही जोर जोर से चिल्ला कर आहें भरने लगे। और इस तरह से प्रियंका की मस्त चुदाई होने लगी। फिर सबसे पहले झड़ने वालो में वो दो लड़के थे। उनका वीर्य पिचकारी की तरह प्रियंका के मुख पर भरता गया। उसकी आँखें ,नाक, गाल, वीर्य से पूरा भर गये। तभी प्रियंका भी झड़ने लगी। इसी समय विशाल ने अपना लण्ड बाहर निकाला और प्रियंका की चूचियों को वीर्य से गीला कर दिया। अब तीनों उसके मुख और बोबे पर लगी क्रीम जैसी वीर्य को फ़ैला रहे थे और प्रियंका बीच में लेटी अपनी मस्त अदाओं से उन्हें लुभा रही थी। विशाल रति क्रिया के बाद प्रियंका को साथ लगे हुये बाथरूम में ले गया और तीनों ने मिलकर प्रियंका को खूब मसल-मसल कर नहलाया।
बाहर शाम होने लगी थी ... प्रियंका ने अन्दर ही मेकअप किया और चुस्त दुरुस्त हो कर बाहर आ गई।

इतनी देर में विशाल भी एक नई नई सीडी बना कर ले आया।

"यह अब आपकी ही है। आप इसे रख लें।" विशाल ने अपनी ओर से गिफ़्ट देते हुये कहा।

"पर वो वाली भी चाहिये ..." उसने विशाल वाली भी सीडी मांग ली।

दोनों सीडी लेकर प्रियंका घर आ गई। प्रियंका की मां उसकी रंगत देख कर सब कुछ समझ गई थी। उसकी मम्मी की नजरें जवानी की अदायें अच्छी तरह से समझती थी। रात को जब प्रियंका ने वो सीडी देखी तो दंग रह गई। वो तो उसी की चुदाई की सीडी थी। वो उसे बार बार उसे देख कर उत्तेजित होती रही। कितनी शानदार सीडी बनाई थी विशाल ने।

विशाल की जिद पर एक बार रात को प्रियंका ने विशाल को अपने घर चुदाई के लिये बुला लिया। रात को अचानक प्रियंका की मम्मी प्रीति की नींद किसी खटके से खुल गई। एकदम अंधेरा था। इतनी रात को भला कौन हो सकता है ? क्या चोर ? प्रीति का दिल कांप उठा। वो धीरे से बिना कोई आवाज किये खिड़की के पास आकर बरामदे में देखने लगी। तभी उसे एक साया नजर आया। प्रीति घबरा गई। पर जल्दी ही प्रियंका का दरवाजा खुला और प्रियंका की धीमी आवाज आई।

"आ जाओ विशाल ..." और वो साया उसके कमरे जा कर बन्द हो गया।

उसकी मम्मी ने ठण्डी सांस भरी, "यह तो दिल का चोर है!"

पर प्रीति को अब चैन कहां था। वो दोनों कमरे क्या कर रहे होंगे ... चुदाई ... ओह हां ... आजकल वो लड़कों के साथ अधिक नजर आती है। उह ! जवान है चुदेगी भी। उसे अपनी जवानी याद आ गई, जब वो लड़कों से चुदा करती थी। पर हाय अब तो उसका पति राजेश भी कनाडा चला गया, जाने कब आ कर मुझे चोदेगा ? अपना मन मसोस कर रह गई वो।

उसने कमरे का पिछला दरवाजा खोला और प्रियंका के कमरे चक्कर लगाने लगी। पर उसे अन्दर झांकने को कोई सुराख नहीं मिला। अचानक उसे कुछ याद आया। वो प्रियंका के कमरे के पीछे वाली गैलरी में चली आई। वहाँ बाथरूम की दीवार में छेद करवा कर के एक नया नल लगवाया था।

दीवार का छेद काफ़ी बड़ा था। पर नल की वजह से वो छोटा हो गया था। पर प्रीति का काम हो गया था। बाथरूम का दरवाजा खुला हुआ था और कमरे में सामने चलती हुई टीवी पर उसे ब्ल्यू फ़िल्म नजर साफ़ नजर आ रही थी।
कमरे में सामने ही खड़ी हुई प्रियंका उस लड़के से चुद रही थी। प्रीति उसे चुदते देख कर ठण्डी आहें भरने और अपनी छातियों को मसलने लगी। अपनी बेटी को चुदते देख कर भी वो अपने आप को भी रोक ना सकी और पेटिकोट ऊपर उठा कर अपनी चूत मलने लगी। प्रीति की चूत ने पानी जल्दी ही छोड़ दिया।

दूसरे दिन प्रियंका के जाते ही वो कमरे में कुछ ढूंढने लगी। किताबों के बीच में रखी उसे वो सीडी नजर आ ही गई। उसने आराम से वो सीडी लगाई और देखने लगी। प्रियंका को उस में काम करते देख कर वो विस्मित हो गई। अब तो प्रीति रोज ही प्रियंका की लाई हुई नई नई सीडी देखने लगी और फिर हस्त मैथुन करके शान्त हो जाया करती थी।

एक बार प्रियंका को सहेली की शादी में जाना पड़ा। विशाल को शायद यह पता नहीं था सो वो उस रात को चुपके से घर आ गया। प्रीति के मन की रण्डी जाग उठी। उन्होने प्रियंका की शमीज पहनी और चुपके से दूसरे दरवाजे से कमरे में आ गई। विशाल खूब दारु पिये हुये था। अन्धेरे में विशाल ने प्रीति को प्रियंका समझा और प्रीति को मस्ती से चोद डाला। उसे शराब के नशे में ये भी पता नहीं चला कि वो किसे चोद रहा है। प्रीति ने मौका देख कर गाण्ड भी मरा ली। प्रीति ने बहुत दिनों बाद चुदाया था सो बहुत खुश थी। पर प्रियंका को ये बात पता चल गई।

"मम्मी, कल आपने विशाल के साथ क्या किया था?"

मम्मी का शरम से चेहरा झुक गया।

"बताओ ना मम्मी ... मै तो कल रात घर पर नहीं थी, विशाल ने जब मुझे बताया तो मुझे लगा वो अवश्य ही आप थी !"

प्रीति को काटो तो खून नहीं। वो एकबारगी घबरा गई। वो मुँह फ़ेर कर जाने लगी।

"मां प्लीज, बता दो ना कि आप ही थी।" प्रियंका बेतब हो उठी जानने के लिये।

'मुझे माफ़ कर देना बेटी, मैं अपने आप को रोक नहीं पाई, रोज तुझे उसके साथ चुदते देख कर मेरा मन भी डोल गया था।" मम्मी वही सर झुकाये नीचे बैठ गई। प्रियंका ने मम्मी को उठा कर गले से लगा लिया।

"ऐसे मत कहो मम्मी, ये तो अपने आप हो जाता है, आप मुझसे कहती ना !"

"क्या बेटी..."

"आपको शानदार तरीके से, मस्त जवान लड़कों से दोस्ती करवा देती, आप भी तो मस्ती करिये ना !"

"ओह बेटी ... तू अब समझदार हो गई है।" प्रीति उससे लिपट गई।

"और मां फिर तेरी बेटी भी तो है, मुझसे भी मस्ती कर लिया करो !" प्रियंका ने मम्मी को खोलने के लिये अपने आपको भी हाजिर कर दिया। दोनों मां बेटी आपस में लिपट पड़ी। दोनों ने एक दूसरे के होंठो को खूब चूमा। मस्ती से एक दूसरे की चूचियाँ दबाई। प्रियंका अपनी मम्मी को बेशर्मी से नंगी कर रही थी। मम्मी की चूत से चूत भिड़ा कर उन्हे और भी बेशरम बना रही थी। अब दोनों आपस में खुल चुकी थी। अब प्रियंका रात को विशाल के साथ सजल को भी ले आती थी। मां बेटी अपने अपने कमरों में खूब चुदाई कराती थी।

एक बार विशाल एक बैग लाया। उसमे बहुत सारे रुपये थे। प्रियंका को उसने बताया कि जो तुम्हारी पहली ब्ल्यू फ़िल्म थी, उसे साऊथ में भेजा था। उसके पैसे आये है और ये तुम्हारा हिस्सा है।
 
"इतने ढ़ेर सारे पैसे ?"प्रियंका की आँखें खुली की खुली रह गई।

"ऐसे काम के बहुत सारे पैसे मिलते है, हां और तुम्हारी बहुत डिमान्ड आई है, कहो तो कुछ फ़िल्में बना कर भेज दें?"

प्रियंका तो लगभग रोज ही चुदती थी। उसने एक से बढ़ कर एक फ़िल्में बनवा डाली। उसकी मम्मी ने भी प्रियंका का पूरा साथ दिया। प्रीति ने भी गाण्ड मराने के विशेषज्ञ की तरह गाण्ड मरवाने की चुदा चुदा कर खूब फ़िल्में बनवाई। कुछ ही समय में साऊथ में पोर्न प्रियंका के नाम से ब्ल्यू फ़िल्में बिकने लगी। अब प्रियंका ने कैमरे और रेकोर्डिंग का सेट अपने ही कमरे में लगवा दिया था।
विशाल के द्वारा उसके पास बहुत पैसा आने लगा था। चुदाई की चुदाई, पैसे के पैसे और उसका नाम नीली दुनिया में पोर्न प्रियंका के नाम से जाना जाने लगा। उसकी मम्मी ने गाण्ड मराने की दुनिया में प्रसिद्ध हो चुकी थी।

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